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मंगलवार, 2 नवंबर 2010

बदलता मौसम

 

अचानक से दो दिन से २०-३० मील प्रति घंटे के हिसाब से ठंडी तेज हवाओं ने परेशान कर रखा है ! रात में ऐसा लगता है कि जैसे ये आँधी कहीं खिडकी और छत को उड़ा ही न ले जाए !   गमले भी घर से दूर पीछे बैकयार्ड में दूर दूर उड़े मिले !  भारत में गर्मी के मौसम में जैसे लू परेशान करती है वैसे ही शिकागो में सर्दी के मौसम में ये तेज हवाएं !  इसलये ही शिकागो को विंडी शहर के नाम से भी जाना जाता है ! 

ये मौसम भी अजब से रंग दिखाए

देखो कब गर्म से ये सर्द हो जाए

शिकागो की तूफानी सर्दियाँ 

घर को उड़ाते हवाओं के रेले

चेहरे को भुनाते सर्दी के थपेले

ठंडी हवायें बनकर सर्दबाण

चुभकर शरीर को कर दे मृतप्राय

कौन कहता है कि ये शहर बन जाएगा सहरा

ये तो गतिमान है कर्म का जज्बा लिए

थमता नहीं ये आँधियों के वेग से

आग आगे अग्रसर होते रहने की

शायद कर देती है कडकती सर्दी को भी पस्त !

 

गजब की बात है कि चाहे मौसम कितना भी खराब हो, पर लोगों का काम करने का जज्बा कम नहीं होता,  अभिलाशायें, सपने बस अनवरत लगाए ही रखते हैं !

7 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

भैया टेक केयर

कडुवासच ने कहा…

... shubh diwaali !!!

Girish Kumar Billore ने कहा…

nICE
REALY
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी पतझड मे तो यह आम हे, काम का जज्बा तो इस लिये होता हे कि अगर काम नही किया तो कल खायेगे क्या? वेसे हमारे यहां २२ अकतुबर को हल्की सी बर्फ़ वारी हो चुकी हे, ओर रात दिन हवा का शोर जो झडे पतो के संग होता हे

shikha varshney ने कहा…

वाकई शिकागो की बर्फीली हवाए हड्डियां जमा देती हैं .पर फिर भी काम तो सब करने ही पड़ते हैं .

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कान बाँधकर ही घर से निकलिये। उफ, ये सर्द हवायें।

निर्मला कपिला ने कहा…

समसामैक अच्छी रचना के लिये बधाई।आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।।