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बुधवार, 26 मई 2010

समीर जी की उड़न तस्तरी में उड़ेगा चम्बल का युवा

टोरोंटो जाने का वैसे कोई उत्साह नहीं है पर एक कारण है जिसकी वजह से मन में उल्लास है, मैं  जिनका हिंदी ब्लॉग्गिंग में कायल हूँ, उनसे मुलाकात होने की संभावना है. समीर जी किसी परिचय के मोहताज नहीं है हिंदी ब्लॉग जगत के लिए.

वैसे अच्छा ब्लॉगर बनने के कुछ गुर उन्होंने दिए थे अभी अपनी एक पोस्ट में  पर मैंने सोचा की चलो फेस टू फेस ज्ञान लिया जाए.  एक और छोटी सी ब्लॉगर मीट, कुछ गप्पें, और रचनात्मक बातें और बहुत कुछ ...देखते हैं क्या क्या होता है.  भाई लोंगों उड़न तस्तरी में बैठने से पहले कुछ सावधानियां ? या कुछ तैयारी की जरूरत ? जैसे अंतरिक्ष पर जाने से पहले लोग करते है.  अगला सप्ताह यात्राओं से भरा है, और मुझे लग रहा है की जैसे ही उड़न तस्तरी पर सवार होऊंगा , सब थकान दूर हो जायेगी.




वैसे एक समीर चालीसा लिखा है अभी अभी सरस्वती कंठ से निकला है ...

जय समीर हम मिलजुल गायें
देखो जिधर उन्हें ही पायें    ***हर ब्लॉग पर
अन्तर्यामी ये कहलायें
हर ब्लॉगर के ब्लॉग पे जायें
जय समीर हम मिलजुल गायें  ...

उड़न तस्तरी पर बैठाये
अपने ब्लॉग से नयी नयी ये सैर करायें
मस्त मौला से ये कहलायें
खूब मौज ये हमें करायें
जय समीर हम मिलजुल गायें

बज्ज़ पर भी ये बहुत बजियायें
टिप्पणियों की लाइन लगायें
ब्लॉग जगत में ऐसे छाये
अच्छे अच्छे भी गरियायें
जय समीर हम मिलजुल गायें