

यही हम सब लोगो का हाल है, निर्भर करता है कि हम किस रूप में दूसरो के सामने आ पाते है. संयम और धैर्यवान हमें मसीहा बना देता है, वही हमें हमारा क्रोध सबका और खुद का दुश्मन बना देता है.
ब्लॉग्गिंग का भी वही हाल है, टाइम पास करने का साधन भी ये हो सकता है और कुछ गंभीर मुद्दों पर चिंतन और मनन करने का श्रोत भी. ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम किस दिशा में जा रहे है.
एक चीज और, मजेदार चीज जल्दी लिखी जा सकती है - दो लाइन लिख दो चटपटी काम हो गया, या फिर किसी न्यूज़ को अपनी तरफ से एक्सप्लेन कर दो, पर कुछ सार्थक लिखने के लिए आप शोध करते है, पढ़ते है, आंकड़े देखते है और फिर एक सूचना प्रदान करने वाला लेख लिखते है. गंभीर और मजेदार दोनों का मिश्रण होना भी जरूरी है, तभी ब्लॉग्गिंग सचमुच में एक पसंद का विषय बन पाएगी , नहीं तो एक बोर और गूढ़ विषय बनकर रह जायेगी.
मैं हिंदी ब्लॉग्गिंग में भी लड़ाई झगड़े, प्यार, चुटकुले और गंभीर विषयों पर लेख देख रहा हूँ और दिनों दिन बहुत अच्छे लोग ब्लॉग्गिंग करने आ रहे है. कुछ सरकारी अफसर भी है जो पता नहीं ऑफिस में काम कैसा करते है, पर इधर बहुत अच्छा लिखते है तो कुछ मेरे जैसे लोग है जो देश से दूर रहकर भी इस माध्यम के जरिये देश के पास रहना चाहते है ...कुल मिलाकर ....
क्या कोई नेता भी ब्लॉग पर है क्या ? pls dont tell me about Amar singh :)