भारत आने की तैयारी से बच्चों में उत्साह और उत्सुकता पूरे सबाब पर है, इधर हमारी तैयारियाँ जोरो पर हैं तो उधर भारत में घरवाले भी हर पल इन्तजार में पलक पांवड़े बिठाकर बैठे हैं ! भारत आने का दुःख भी होता है क्यूंकि एक महीने बाद जब लौट कर आयेंगे तो फिर से एक लम्बा इन्तजार, अकेलापन और अपनो से दूर रहने की वेदना ! पर जो लोग नौकरी करते हैं वो कब स्वतंत्र होते हैं तो अगर भारत में होते तो भी कहीं न कहीं घर से दूर रह रहे होते - किसी महानगर में जद्दोजहद कर रहे होते, भीड़ में धक्के खा रहे होते ! छोटे शहरों की सौम्यता, सरलता और हल्का सा सूनापन पसंद है पर हम पलायन कर जाते हैं स्वावलंबन की चाह में, कहीं न कहीं ये पलायन हमें स्वावलंबन के बदले एकाकीपन भी दे देता है और फिर हम आते हैं सूचना तकनीक के विभिन्न सहारों पर कुछ तलाशते - पर असली तलाश तो बस परसों ग्वालियर में ख़त्म होगी जब भावनाएं स्वार्थ की सीमायें लांघकर परिवार को परिभाषित कर रहीं होंगी !
इस शनिवार को स्थानीय निरंकारी संत मिसन और देसी जंक्सन रेडियो द्वारा पास के ही एक कस्बे में दिवाली मेले का आयोजन किया गया था, मेले में संस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ भारतीय खाने का भी पूरा इंतजाम किया गया था. चाय, ब्रेड पकोड़े, पपड़ी चाट, नान-पूरी-सब्ज्जी, गुलाबजामुन, समोसे, कचोडी सब कुछ उपलब्ध था ! निकुंज का एक स्टेज प्रोग्राम था तो बस बॉलीवुड गानों, भजन और चाट सब का मजा साथ लिया गया ! मजेदार रही ये शाम भी !
8 टिप्पणियां:
अच्छा है त्योंहार की रौनक अब भी जमी है.... निकुंज तो बहुत टेलेंटेड बच्चा है...
अच्छा लगा जानकर।
घर तो घर ही होता है।
आनन्द में डुबकी लगायें, भारत आयें, स्वागत है।
भारत में आपका स्वागत है।
INDIA....Lucky youuuuu
छोटे शहरों की बात कुछ और ही होती है भैया..
इंडिया आने पे एक बार बैंगलोर का ट्रिप तो बनाइएगा...जरुर...:)
और निकुंज के लिए.,
he is a rockstar..truly...jst see his move on stage :)
Enjoy your vacation in India.
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