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मंगलवार, 18 मई 2010

विचार धारा ...

आदमी काम की अधिकता से नहीं वरन उसे भार समझकर अनियमित रूप से करने पर थकता है - श्रीराम शर्मा आचार्य

पापाजी गायत्री परिवार के सदस्य है और पिछली बार कुछ स्टीकर यहाँ भी लगा गए थे. उनमें से ही एक पर उपरोक्त अनमोल विचार लिखा है. बहुत काम आता है मेरे .

 आज सोने से पहले सुनता हूँ ये...




मन के भावों को उड़ेल दूं इधर ...
कल की सुबह फिर एक नयी सुबह
सूरज भी उगेगा फिर से कल की सुबह
पक्षी भी चहकेंगे  फिर से कल की सुबह
मेरी आशा बल देगी कर्म का फिर से कल की सुबह
हम होंगे कामयाब फिर से कल की सुबह ....

एक और जद्दोजहद ....
मेमोरिअल डे का लॉन्ग सप्ताहांत आ रहा है. कही घर से बाहर तो निकलना है जरूर. देखना है कोई बढ़िया सा स्थल गर्मियों की शुरुआत का...कल की सुबह ये भी होगा एजेंडा में.
कही नहीं तो फिर डोर  काउंटी :)


सोते सोते
  •  अभी समाचार आ रहा है की नक्सलियों  ने पश्चिम  बंगाल और उड़ीसा में फिर कुछ कर दिया ...कल से अब तक मन का  द्वन्द समाप्त नहीं हुआ था और फिर से ...सरकार का ज्यादा सोना ठीक नहीं !!
  • भोपाल गैस त्रासदी के मुकदमे का फैसला होना है जून ७ को (शायद) .  अनगिनत साल ही कहूँगा ...न्याय में इतनी देर क्यों ?  क्या सच्चे दोषियों को सजा मिलेगी ?
  • अजलन साह हौकी प्रतियोगिता की जानकारी की जिज्ञासा है, ये जानकारी तो भवदीप भाई ही देंगे कल ....इसी आश में :) ..यार भवदीप बेनामी की जगह लोगिन करो या नाम डाल दो...बेनामी अजीब सा संबोधन लगता है.