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भुवनेश शर्मा जी ने ब्लोग्गेर्स के लिए एक होम वर्क दिया था की वो कुछ ऐसे प्रयास करें की जिससे पर्यावरण की सुरक्षा हो सके, आसपास के लोगो को प्रोत्साहित भी करें और अपने ब्लॉग के माध्यम से जाग्रति भी फैलायें, एक बहुत ही अच्छा कदम था भुवनेश का और में भी इस कड़ी में अपने आप को भुवनेश जी के पीछे कर लेता हूँ, चलो हम सब लोग एक ब्लोग्गेर्स की मानव श्रंखला बनाएं और अपने अपने प्रयासों को यहाँ उल्लेखित करें, ये अभी अपने आप में एक आन्दोलन है, एक सामूहिक प्रयास है, जन जाग्रति और स्वजाग्रती अभियान है। चलो उपदेश के बाद काम की बात कर लेता हूँ।
एक प्रयास जो कल भुवनेश का लेख पड़ने के बाद किया - जब बीबी ने खाना ऑफिस जाते समय नही दिया हो तो अपना एक ही ठिकाना ज्यादातर होता है, शाकाहारी और शुद्ध Subway. सामान्यतः यहाँ पर ये लोग आपके बर्गरनुमा भोजन को एक पन्नी (पोलीथीन) में रखकर देते है, जब उसने हमारे sub को कागज़ में लपेड्रकरपन्नी में रखने की कोसिस की तो मेने मना किया तो वो मेरी तरफ देखने लगा और तब मेने उसे अपने मना करने का कारण समझाया तो वह बहुत खुस हुआ और लाइन में लगे एक दो और लोगो ने मेरा अनुसरण किया, बहुत अच्छा लगा और मेरे योगदान के साथ कुछ और लोगो तक भी ये संदेश पहुँचा ।
एक और बात लिखना चाहूँगा जो हमारी कंपनी बहुत दिनों से प्रयास कर रही है , प्लास्टिक कप की जगह फोम के कप इस्तेमाल कर रहे है, बार बार अपना एक ही कप इस्तेमाल करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे कम से कम जंक हो। प्रिंटर का इस्तेमाल सही तरीके से करने के प्रयास किए जा रहे है जिससे फालतू पेपर बेकार न जाए। अगर कोई सायकिल से आता है तो उसका महिमामंडन किया जाता है, जिससे और लोग भी ऐसा करें।
वैसे में भी सायकिल से ट्रेन स्टेशन तक कभी कभी जाता हूँ, पर में ऐसा इसलिए करता हूँ, जिससे मेरी बीबी को सुबह सुबह मेरे को छोड़ने जाने का कष्ट न करना पड़े, मेरा biking का शौक पूरा हो जाए, और कुछ शारीरिक गतिविधि भी हो जाए, पर मेरे आलस्य की वजह से अब तक केवल मेने एसा ५-६ बार ही किया है, अब इसमें पर्यावरण का तड़का भी लगा देते है और नियमित सायकिल का इस्तेमाल करने पर जोर देते है.
शौपिंग करते समय थैला ?(झोला) का इस्तेमाल करेंगे , न की पन्नियों का। पानी और बिजली तो पैसे से आती है तो पहले से ही लोभ chaaloo है। सबसे बड़ी बात हम लोगो को अपनी कार को दुरस्त रखना चाहिए जिससे वो पर्यावरण को ज्यादा प्रदूषित ना करे। अपने वाहन को आज ही चेक कराये। मेरी कार emission safe है, क्या आपकी भी है ?
बस इतना ही , बाकी आप गुरुजनों पर छोड़ता हूँ :)
3 टिप्पणियां:
बहुत बदिया प्रयास है एक एक बून्द से सागर बनता है हम्ने भी अपने सहित्य कला प्रचार मंम्च की ओर से घर घर मे जा कर पेद लगाने का अभियान शुरू किया है क्यों कि खाली जगह पर लगाये पेडों की बाद मे देख भाल करने कि समस्या आति है अगर हर कोई आपकी तरह थोडी 2 कोशिश भी करे तो बहुत बडी सफलता मिल सकती है आभार्
र्भासाहब आपका बहुत बहुत आभार
खुशी की बात ये है कि आपके कारण और भी लोग पर्यावरण संरक्षण कदमों की ओर बढ़ रहे हैं...सायकल तो वाकई में बहुत काम की चीज है..व्यायाम भी और पर्यावरण संरक्षण भी
...वैसे मेरे पास सायकल नहीं है पर पैदल चल सकता हूं क्योंकि यहां दूरियां कम हैं..खासकर सुबह और शाम के समय
इस पोस्ट के लिए शुक्रिया....
आपका प्रयास अनुकरणीय है, काश हम भी अपने आलस्य पर विजय पा सकें।
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