हिंदी - हमारी मातृ-भाषा, हमारी पहचान

हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपना योगदान दें ! ये हमारे अस्तित्व की प्रतीक और हमारी अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है !

शनिवार, 13 जून 2009

मेड इन इंडिया - घर का जोगी जोगना, दूर गाँव का सिद्ध !!

अभी मार्केट से आ रहा था, सोचा की एक हल्का सा पोस्ट डाल दूं। इधर अमेरिका वासियों ने ऐसा कोई कानून बना रखा है की बाजार में रखी हर वस्तु पर 'made in ...' लिखा रहता है. मेरी सलाह सभी देसी लोगो के लिए यही है की जहां तक संभव हो और क्वालिटी से कोई समझोता न करना पड़े क्यूं न 'made in India' ही खरीदने को प्राथमिकता दें. इससे कुछ न कुछ , किसी न किसी को तो देश में लाभ होगा ही और देश की अर्थव्यवस्था में भी हम अप्रत्यक्ष रूप से कुछ योगदान दे सकते है.

विडम्बना कहें या भूमंडलीकरण, बनती वही चीज भारत में हैं लेकिन मिलती है केवल इधर और वो भी बढे हुए दामों में और हम लोग खुश होकर सस्ता समझकर बड़े चाव से खरीदते है। वैसे ये तो वही बात हुई - घर का जोगी जोगना, दूर गाँव का सिद्ध !! - शायद ये चीज देश में मिले तो हम लेंगे ही नही :(

देखिये एक फोटो जहाँ पर एक भारत में बना हुआ कवर लोस एंजेल्स सिटी की सड़क पर !!


और भी बहुत कुछ बन रहा है देश में - काफी लोगो के पसंदीदा इटालियन चॉकलेट Ferrero Rocher भी !!

8 टिप्‍पणियां:

Asha Joglekar ने कहा…

जानकारी का आभार और फोटो तो बहुत जोरदार है ।

Gyan Darpan ने कहा…

जानकारी के लिए शुक्रिया ! हमें जहाँ तक हो सके स्वदेशी उत्पाद ही खरीदने चाहिए |

ANU ने कहा…

WAH KYA BAAT HAI KABHI KHUD BHI ESA KAR LIYA KIJIYE..........HEHEHEH

रंजन ने कहा…

्हमारे ्यहां लोहा सस्ता है इसलिये...

सतीश पंचम ने कहा…

रोचक।

Pragya ने कहा…

haan kisi ne kisi roop me desh ko laabh to karao..

weblooktimes ने कहा…

मुझे आपको पढ़कर बढ़ी प्रसन्नता हो रही है कि आप काफी समय से विदेश में रह रहे हैं और इसके बाद भी आज भी आपमें देशप्रेम झलक रहा है, क्योंकि काफी लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें इस सबसे कोई लेना-देना नहीं होता है। वाकई आपको पढ़कर बहुत अच्छा लगा और अब हम आपको लगातार पढ़ते रहेंगे और हमारी आपसे गुजारिश है कि आप भी वहां के वातावरण से हम लोगों को रूबरू कराते रहेंगे।
मनोहर पाल
भोपाल

Udan Tashtari ने कहा…

घर का जोगी जोगना, दूर गाँव का सिद्ध--यह तो खैर सिद्ध है ही!