निकुंज को देखा था इनमें संलग्न होते हुए, खोते हुए, उनको एक दूसरे में घण्टों तक समीकरणबद्ध करते करते हर बार एक नया ढांचा बनाते हुए ! और फिर जब उसका एक भाग भी कहीं खो जाता तो झुंझलाते हुए भी देखा है, कभी कभी मैं भी हाथ साफ कर लिया करता। इस बार का सप्ताहांत बड़ा व्यस्त था पर फिर भी मन मैं आया कुछ बिखरे मोतियों को अनुपात में बिठाने और एक उन्हें एक अर्थ देने का – और इसी प्रयास में शुरू हुआ लेगो प्रेम !
करीब एक घंटा तो हम दोनों को विभिन्न भागों को अलग अलग करने में ही लगा और फिर हम अनवरत अनुशासनबद्ध हो कमरे के दरवाजे को लगा, पुस्तिका में दर्शाये मार्गदर्शन के अनुसार जोडते रहे सैकड़ों प्लास्टिकनुमा मोतियों को उनको एक आकार देने के लिए, जो कुछ देर पहले बिखरे एक कचरा सा लग रहे थे, वही अब क्रमबद्ध जुडकर एक भावार्थ बन गये थे। मेरे चेहरे पर और मन में एक उल्लास था और उस मेहनत से बनायी सरंचना को सुरक्षित रखने का भूत भी !
बाकायदा इस लेगो सरंचना को सजा कर रखा गया, पता नहीं कितने दिन टिकेगी ये पर ऐसा लगा कि बचपन लौट आया हो और मैंने एक अद्वितीय अधोरचना कर डाली हो, ये मन इतना पुल्लकित सोफ्टवेयर का आर्किटेक्ट डिजाईन करते नहीं होता !!
बचपन में मेले से २ रुपये का एक पहिया लाते थे जिसके ऊपर एक कंगुरा सा लगा होता था और वो पहिये के साथ घूमता था, फिर मिटटी से कुछ ट्रेक्टर और अन्य चीजें बनाते थे, लोजिकल सोच को तरोताजा करते ये छोटे - छोटे मन्त्रायमान मनमोहक प्रयास शायद मानसपटल पर हमेशा के लिए अंकित हो जाते हैं और साथ में पालकों द्वारा दी गयी अद्वितीय सोच, हर चीज को बनाने के कई तरीके पर एक तरीका जो आपने अपने बड़ों के साथ इंगित किया कहीं पर….
8 टिप्पणियां:
कितना सही कहा है आपने - "ये मन इतना पुल्लकित सोफ्टवेयर का आर्किटेक्ट डिजाईन करते नहीं होता !! "
मेरी एक छोटी बहन है, मेरी मौसी की बेटी रीती, उसके साथ भी जब खेलता हूँ ऐसे खेल, कुछ जोड़ के कुछ बनाया होता है और फिर जब परिणाम सामने आता है तो रीती के चेहरे पे मुस्कान आती ही है, मेरा भी मन आनंदित हो जाता है...
... puraani yaaden ... sundar bhaav !!!
बहुत सुन्दर !
उलझे चित्रण, चंचल गतियाँ, घंटों सतत निहारे तुम,
आँखों के दो तारे तुम
बच्चों का अपने बनाये लक्ष्यों से जूझना बहुत भाता है।
बहुत-बहुत बधाई!
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ईद और गणेशचतुर्थी की शुभकामनाएँ!
बहुत सुंदर जी यह लिगो है ही इअतना सुंदर बच्चे तो क्या बडे भी लग जाते है इन से कुछ नया बनाने, निकुंज ने बहुत सुंदर माडल बनाया, अब इसे अलग अलग करने मै दोगुना समय लगेगा, मेरे बच्चो के पास भी चार पांच बाल्टिया भरी पडी थी, लिगो ओर डुपलो की
निकुंज को बधाई नया असिस्टेंट मिलने की :)
वैसे खिलौना मजेदार है
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:।
निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
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