नक्सल आन्दोलन और उससे जुडी घटनाएं बहुत ही काम्प्लेक्स है पर क्या हम इसी तरह ये सब होते हुए देखते रहेंगे ? नक्सल आन्दोलन को निश्चय ही बाहरी देशो और हमारे भ्रष्ट नेताओ का समर्थन प्राप्त है पर ये तो हद ही हो गयी और जैसे की कहा जाता है की 'अति सर्वत्र वर्जते' तो अब तो जागो देश के मुखिया लोगो और हम जैसे आम आदमी लोगो ...भारत के वनों को इन बर्बर नक्सलियों से बचाना ही होगा, गरीब जनता को इनके चंगुल से निकालना ही होगा। भारत इन नक्सलियों के होते हुए आंतरिक रूप से सुरक्षित और सम्रद्ध नहीं हो सकता। मैं इस घटना की कड़े शब्दों में भर्त्सना करता हूँ और शहीद हुए जवानों और उनके परिवारों के लिए इश्वर से शांति की प्रार्थना करता हूँ ।
हमें इन जवानो की इस तरह मौत को भूलना न होगा और इनके परिवार को अकेला न छोड़ना होगा, अगर आप कोई भी किसी ऐसे परिवार की सहायता कर रहा है और में किसी तरह मदद कर सकता हूँ तो जरूर संपर्क करें , मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानूंगा।
असमय मौत से न समझना हम शांत हो जायेंगे
हम और भी मजबूत होकर कायरो को जबाब देंगे
2 टिप्पणियां:
of course, माओ की तानाशाही परम्पराओं के वाहक और चीन की गैर-कानूनी IED और हथियारों पर पलने वाले यह शैतानी दरिन्दे देशद्रोही, जनद्रोही सभी कुछ हैं. इन नरपिशाचों का दमन अब बिना देरी होना ही चाहिए.
असमय मौत से न समझना हम शांत हो जायेंगे
हम और भी मजबूत होकर कायरो को जबाब देंगे
bahut sundar
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
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