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बुधवार, 1 अक्टूबर 2008

भारत की परमाणु यात्रा


भारत परमाणु परिवार का फिर से सदस्य बन गया है । मेने सोचा की चलो इसके इतिहास में जाकर कुछ निकाल कर लाया जाए।

- १९४७ जब भारत को स्वतंत्रता मिली , भारत ने शुरू से ही अहिषा के सिद्धांत को बढावा दिया इसलिए भारत ने कभी भी एक परमाणु हथियारों को महाशक्ति बनने की नही सोची। इसी सोच के साथ भारत ने १९४८ में Atomic Energy Act लाया गया।





3 January 1954 - Bhabha Atomic Research center की स्थापना की गई।




६ अप्रैल १९५४- अब तक लगभग ५० परिक्षण अनेक देसों ने किए और इसी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोक सभा में कहा - "nuclear, chemical and biological energy and power should not be used to forge weapons of mass destruction" । पर सुनने वाला कौन था, दुनिया के ज्यादातर देश cold war में संलंग्न थे ।

१९६३ - अब जब सब ताकतवर देशो ने अपने अपने परिक्षण कर लिए और अपने आपको इस क्षेत्र में माहिर बना लिए, उन लोगो ने इसे परीक्षणों पर रोक लगाने की मुहिम शुरू की।

१९६८ - Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) को लाया गया। पर ये भी बहरत की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक नही थी। इस पर भारत की लोकसभा में बहस भी हुई, और एक मत से सभी ने इसके विपक्ष में मत दिया.






१९७४ - भारत ने भी अपने परमाणु कौशल को संसार को दिखाया। हम कभी नही भूल सकते वो शब्द - "The Buddha is smiling" ।



कुछ तथ्य -


टेस्ट: Smiling Buddha


Time: 8:05 18 May 1974 (IST)


Location: Pokhran, Thar Desert, Rajasthan, India27।095 deg N, 71।752 E


Test Height and Type: Underground, -107 m Yield: 8 kt (12-13 kt claimed)




१९९६ - अब तक १००० से ज्यादा परिक्षण हो चुके थे, और तब CTBT (Comprehensive Test Ban Treaty ) को सारे देशो के समक्ष लाया गया। पर ये भी भारत की सुरक्षा चिन्ताओ के अनुरूप नही थी।



- ११-13 May १९९८ भारत ने पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण किए और विश्व को अपनी काबिलियत से परिचय कराया।
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी के शब्द -



"India is now a nuclear weapons state।""We have the capacity for a big bomb now। Ours will never be weapons of aggression।" Prime Minister Atal Behari Vajpayee, Thursday 14 May 1998



इसको operation शक्ति नाम दिया गया - http://nuclearweaponarchive.org/India/IndiaShakti.html



२१ वि शताब्दी में भारत एक नई शक्ति के रूप में आगे आता हुआ - एक लिंक http://nuclearweaponarchive.org/India/IndiaNPower.html




- २००५ जैसे की भारत एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा था, परमाणु शक्तियो जैसे अमेरिका, फ्रांस आदि को भारत का विशाल मार्केट उनकी आर्थिक महत्वाकांछाओ को पूरा करता दिखा और तब तत्कालीन अमेरिकन रास्त्रपति बुश ने अपनी भारत यात्रा के दौरान भारत के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए।




- २००८ भारत और अमेरिका की लोकसभा और सीनेट ने एस बिल को पारित कर दिया. और फ्रांस भी कहा कम रहने वाला था, उसने भी भारत के साथ सिविल nuclear समझोते पर हस्ताक्षर किए.



साभार -



http://nuclearweaponarchive.org/India/index.html


PAPER LAID ON THE TABLE OF THE LOK सभा ON 27TH MAY, १९९८



http://www.fas.org/news/india/1998/05/980527-goi1.htm


1 टिप्पणी:

अनुनाद सिंह ने कहा…

भारत के परमाणु कार्यक्रम का विहंगम दृष्य दिखाने के लिये साधुवाद।

(किन्तु बीच-बीच में अंग्रेजी अनावश्यक लगती है। क्या हम इतने कमजोर हैं कि सामान्य बातों को भी अपनी भाषा में व्यक्त नहीं कर सकते? यदि किसी शब्द की उचित हिन्दी नहीं मिलती तो उसे ज्यों का त्यों रखा जा सकता है किन्तु उसे भी रोमन लिपि के बजाय देवनागरी में लिखना चाहिये।)