26 वीं मंजिल पर अपने नन्हे से अपार्टमेंट में बैठा जब मैं चारों और देखता हूँ तो जगमग रोशनी ही रोशनी नजर आती है, मेरी नजर गिद्ध की नजर तो नहीं पर जहाँ तक जाती है मकान ही मकान नजर आते हैं। एक विशाल शहर अपने आप में करोड़ों लोगों को समाहित करे हुए है , एक विशाल नदी भी खिडकी के मुहाने से बहती दिखाई देती है, कुछ निर्माणाधीन अट्टालिकायें और सड़क पर भागती अनगिनत कारें, रिमझिम गिरती बारिश की बूंदे , और उंगली की एक क्लिक पर अंतरजाल का अनन्त संसार, सब कुछ है पर फिर भी कुछ कमी है, मन भारी है क्यूंकि किसी भी खिडकी या दरवाजे पर मेरा अपना कोई नहीं दिखता - रक्षाबंधन पर बहन के दर्शन को तरसती ये आँखे बाहर देखते देखते नम हो जाती है, फोन पर बात करने से मन नहीं भरता और मेरा रुख भी ऐसा कि मस्त दिखता हूँ पर फोन रखते ही ये हाथ ब्लॉग पोस्ट की तरफ रुख करते हैं, कहीं तो मन को बयाँ करूँ !!
कितने शब्द हैं पर पिरो नहीं पा रहा उनको एक माला में – बहन - एक ऐसा शब्द जो रिश्तों के अनन्त बहाव का प्रतीक है - भाव इस रिश्तें में बहना नहीं रोकते – आदर, सम्मान, प्रेम और निस्वार्थ संवेदना - कितना कुछ भरा है इस गाँठ में !
ममतामय वो नेह तुम्हारा
रक्षाकवच रहा है मेरा
हर मेरी जिद पर झुकना तुम्हारा
व्रतमय हर पल आशीष तुम्हारा
सम्बल बन रहा है मेरा
मैं तो मैं ही रहा हमेशा
आत्मविभोर मनःस्थिति मेरी
अश्रु ही हैं भाव मेरे
बस एक ही विचार
ऋणी ही रहूँगा तुम्हारा
मेरी याद में बहते अश्रु तुम्हारे
हर पल मानस पर रहते हैं मेरे
क्या कहूँ
शब्द शून्य हैं मेरे ….
11 टिप्पणियां:
सुंदर भावनात्मक अभिव्यक्ति .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!
बहुत ही सुन्दर रचना लिखी है आपने!
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भाई-बहिन के पावन पर्व रक्षा बन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ऐसे अवसर पर भाव विभोर होना स्वाभाविक है ।
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें ।
बड़ी ही कोमल भावाभिव्यक्ति है।
शब्द तो दोस्त हमारे पास भी आज कुछ नहीं कहने को. हम तुम, एक ही नाव में सवार हैं. ये नाव सोने के टीले की और तो ले जाती है. पर दिलों के टापू से दूर कर देती है !!
रक्षाबंधन की बधाई
मैं भी आज दिनभर कुछ सोच रहा था...सब साथ थे..पर बड़ी चचेरी बहन और छोटा भाई साथ नहीं थे...लग रहा था जो साथ हैं उनमें से कितने अगले साल भी साथ रहेंगे...
भवदीप भाई ने सही कहा...हम उस नाव में सवार हैं जो रिश्तों के टीले से सोने के टीले की ओर जाती है...
आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएं
भाई-बहन के मजबूत रिश्तों का पर्व रक्षाबंधन सब भाई-बहनों के रिश्तों मे मजबूती लाये
बहुत अच्छी कविता।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
*** भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है! उपयोगी सामग्री।
बहुत प्यारी पोस्ट !
भावुक कर देने वाली पोस्ट.
शुभकामनायें.
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