वैसे अच्छा ब्लॉगर बनने के कुछ गुर उन्होंने दिए थे अभी अपनी एक पोस्ट में पर मैंने सोचा की चलो फेस टू फेस ज्ञान लिया जाए. एक और छोटी सी ब्लॉगर मीट, कुछ गप्पें, और रचनात्मक बातें और बहुत कुछ ...देखते हैं क्या क्या होता है. भाई लोंगों उड़न तस्तरी में बैठने से पहले कुछ सावधानियां ? या कुछ तैयारी की जरूरत ? जैसे अंतरिक्ष पर जाने से पहले लोग करते है. अगला सप्ताह यात्राओं से भरा है, और मुझे लग रहा है की जैसे ही उड़न तस्तरी पर सवार होऊंगा , सब थकान दूर हो जायेगी.
वैसे एक समीर चालीसा लिखा है अभी अभी सरस्वती कंठ से निकला है ...
जय समीर हम मिलजुल गायें
देखो जिधर उन्हें ही पायें ***हर ब्लॉग पर
अन्तर्यामी ये कहलायें
हर ब्लॉगर के ब्लॉग पे जायें
जय समीर हम मिलजुल गायें ...
उड़न तस्तरी पर बैठाये
अपने ब्लॉग से नयी नयी ये सैर करायें
मस्त मौला से ये कहलायें
खूब मौज ये हमें करायें
जय समीर हम मिलजुल गायें
बज्ज़ पर भी ये बहुत बजियायें
टिप्पणियों की लाइन लगायें
ब्लॉग जगत में ऐसे छाये
अच्छे अच्छे भी गरियायें
जय समीर हम मिलजुल गायें
6 टिप्पणियां:
मेरा नमस्कार भी समीर जी को दें! वे जब भी मेरे ब्लोग पर आयें है तो उनकी संक्षिप्त टिप्पणी ने प्रोत्साहित ही किया है! कहा भी है " देखन में छोटा लागे, घाव करे गम्भीर ...........
बेफिक्र होकर जाइए । आपको आशीर्वाद तो मिलेगा ही , ढेर सारा प्यार और सम्मान भी मिलेगा । गुरुदक्षिणा के रूप में एक फूलों का गुलदस्ता ज़रूर लेकर जाइएगा , और साथ में हमारा भी नाम लिख देना । हम भूल गए थे ना ।
चले आओ...इन्तजार है!! समीर चालीसा पढ़कर प्रभु मुग्ध हुए. :)
शुभ कामनाएं! इस अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर-मिलन की विस्तृत सचित्र रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी.
भुत प्रेत निकट ना आवे,
जो समीर का नाम ध्यावे
बहुत सुंदर लगा आप का यह समीर चलीसा धन्यवाद
क्या हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है ?
इस पर विवाद हो सकता है ,इसे नकारा नही जा सकता |
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