tag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post9138109366212409476..comments2023-10-20T05:09:47.697-05:00Comments on <center> मेरी आवाज </center>: एक उद्घाटन ऐसा भी !राम त्यागीhttp://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-88949546724112090222010-10-28T16:26:14.988-05:002010-10-28T16:26:14.988-05:00@संजीत,
में भी यही कहने कि कोशिश कर रहा था कि ऐस...@संजीत, <br /><br />में भी यही कहने कि कोशिश कर रहा था कि ऐसे अच्छे उदहारण सब जगह मौजूद हैं, और हमें सूचना के इन माध्यमों के जरिये ऐसे वाकयों का जोर शोर से प्रचार करना चाहिए - जिससे लोग प्रेरणा लेकर ऐसे काम करें ! मानव सभ्यता का यही तो evolution है <br /><br />बहुत बहुत धन्यवाद , में अभी पढता हूँ ये !राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-33306245884491066962010-10-28T14:12:57.163-05:002010-10-28T14:12:57.163-05:00aisa hi hona chahiye sach kahein to....
idhar na...aisa hi hona chahiye sach kahein to....<br /><br /><br />idhar nazar daliyega, baat karib 54 sal purani hai mere shahar ki,<br /><br />"14 सितंबर 1956 को राष्ट्रपति यहां आने वाले थे। इससे पहले 13 तारीख की शाम कमलनारायण शर्मा और रामसहाय तिवारी ने मिलकर एक हरिजन की बेटी से गांधीजी की प्रतिमा का उद्घाटन करवा दिया। दूसरे दिन जब राष्ट्रपति आए और आजाद चौक से उनका काफिला गुजरा तो उनकी गाड़ी रोककर उन्हें बताया गया कि गांधीजी की प्रतिमा का उद्घाटन हरिजन की बेटी से करवा दिया गया है। तब उस लड़की ने राष्ट्रपति को माला भी पहनाई थी।"<br />link yah raha..<br /><br /><br />http://sanjeettripathi.blogspot.com/2009/05/blog-post_24.htmlSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-75364972228325166812010-10-28T11:03:34.682-05:002010-10-28T11:03:34.682-05:00@Abhi, ऐसे उदाहरणों को सामने लाने की बहुत जरूरत है...@Abhi, ऐसे उदाहरणों को सामने लाने की बहुत जरूरत है और इसमें ब्लोग्गिंग एवं सूचना तकनीक अहम भूमिका निभा सकते हैं !राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-36070886067594348932010-10-28T10:48:19.905-05:002010-10-28T10:48:19.905-05:00ये हुई न कोई बात....अच्छा लगा पढ़ के...सीख लेनी चा...ये हुई न कोई बात....अच्छा लगा पढ़ के...सीख लेनी चाहिए बहुत से लोगों को...<br /><br />कहीं शायद मैंने पढ़ा था की हैदराबाद में एक बार किसी यूनिवर्सिटी में ऐसा कुछ हुआ था...याद नहीं सही सेabhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-51992811747755422852010-10-28T09:40:41.015-05:002010-10-28T09:40:41.015-05:00@सतीश सक्सेना जी, आप कह रहे हैं कि जानकारी का अभाव...@सतीश सक्सेना जी, आप कह रहे हैं कि जानकारी का अभाव ऐसा नहीं होते देता, मैं कुछ हद तक सहमत हूँ पर उनका क्या करें जो पढ़े लिखे होकर भी अधिकारों का उपयोग करना नहीं जानते ! <br /><br />वोट के अधिकार से लेकर चाटुकारिता तक कैसी इतनी बातें हैं जो एक अनपढ़ भी जानता है पर प्रबुद्ध नहीं :(राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-77489713773894029252010-10-28T09:38:05.308-05:002010-10-28T09:38:05.308-05:00@प्रवीण पाण्डेय जी - ये हुई न बात !@प्रवीण पाण्डेय जी - ये हुई न बात !राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-9018042566666080522010-10-28T03:16:39.754-05:002010-10-28T03:16:39.754-05:00कल हमारे यहाँ पर भी इसी तरह का प्रकरण हुआ। किसी अध...कल हमारे यहाँ पर भी इसी तरह का प्रकरण हुआ। किसी अधिकारी के स्थान पर एक वरिष्ठतम कर्मचारी ने उद्घाटन किया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-45248835930500510332010-10-28T02:13:36.391-05:002010-10-28T02:13:36.391-05:00सिखाने की जरुरत है इनकोसिखाने की जरुरत है इनकोलाल कलमhttps://www.blogger.com/profile/10463937302054552696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-64064552283573800222010-10-27T23:12:26.818-05:002010-10-27T23:12:26.818-05:00भ्रष्ट लोगों को सुधारने का सबसे बढ़िया साधन है यह ...भ्रष्ट लोगों को सुधारने का सबसे बढ़िया साधन है यह एक्ट ! मगर लोगों में इसको उपयोग करने की समझ और सरकारी कार्यपद्धति की समुचित जानकारी का अभाव , बहुत बड़ी रुकावट है जिससे सही परिणाम नहीं मिलते हैं ! <br />अच्छा कार्य कर रहे हो ..शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-384669875596937602010-10-27T23:07:50.439-05:002010-10-27T23:07:50.439-05:00राज जी, ये सब पर लागू होता है - हर जगह हर तरह के ल...राज जी, ये सब पर लागू होता है - हर जगह हर तरह के लोग होते हैंराम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-77408674609952402992010-10-27T23:07:00.127-05:002010-10-27T23:07:00.127-05:00@शिखा और अरविन्द जी - मैं तो कहूँगा कि काश हम अपन...@शिखा और अरविन्द जी - मैं तो कहूँगा कि काश हम अपने वोट की कीमत समझ पाते - हमारी ignorance ने ही तो प्रजातंत्र को इतना कमजोर बना दिया है !राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-70515360623374941592010-10-27T22:30:31.612-05:002010-10-27T22:30:31.612-05:00.
We need to learn this attitude.
..<br /><br />We need to learn this attitude.<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-42913382883855741122010-10-27T11:17:38.056-05:002010-10-27T11:17:38.056-05:00बहुत अच्चा लिखा. पर कहना क्या चाहते हो? बड़े बड़े ...बहुत अच्चा लिखा. पर कहना क्या चाहते हो? बड़े बड़े नेता आयें हों तो क्या ऐसे ही मामूली उद्घाटन समारोह हो जायेगा?<br /><br />अरी जनता की सेवा करते हैं पूरा टाइम. अब जनता के टैक्स के पैसे से थोडा इनके आराम के लिए खर्च हो गया तो क्या बड़ी बात है.<br /><br />हर ५ साल में आते हैं ना ये जनता से मिलने. क्या कम है?भवदीप सिंहnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-3484863962011966532010-10-27T03:25:59.864-05:002010-10-27T03:25:59.864-05:00हम गलत बात ही सीख सकते हे, अच्छी बाते सीखना हमारे ...हम गलत बात ही सीख सकते हे, अच्छी बाते सीखना हमारे जींन्स मै नही हे जी:)बहुत सुंदर लेख धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-63654422360237611232010-10-27T03:17:49.496-05:002010-10-27T03:17:49.496-05:00बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/10/blog-post_27.html%22" rel="nofollow"> राजभाषा हिन्दी पर - कविताओं में प्रतीक शब्दों में नए सूक्ष्म अर्थ भरता है!</a><br /><a href="http://manojiofs.blogspot.com/2010/10/53.html" rel="nofollow">मनोज पर देसिल बयना - जाके बलम विदेसी वाके सिंगार कैसी ?<br /></a>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-82662463177807918952010-10-27T00:25:42.479-05:002010-10-27T00:25:42.479-05:00काश ये बेहये सीख पाते यह !काश ये बेहये सीख पाते यह !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-19301855642330221772010-10-26T23:26:36.732-05:002010-10-26T23:26:36.732-05:00काश कि सीख पाते हम.काश कि सीख पाते हम.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com