tag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post4507444079621231598..comments2023-10-20T05:09:47.697-05:00Comments on <center> मेरी आवाज </center>: वो भी क्या दिन थे …राम त्यागीhttp://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-85375790199322274302010-07-16T23:09:24.988-05:002010-07-16T23:09:24.988-05:00क्या कहूँ...क्या क्या बात याद आई...
अपने फेसबुक पे...क्या कहूँ...क्या क्या बात याद आई...<br />अपने फेसबुक पे आपका ये पोस्ट पब्लिश होने जा रहा है अब...मस्त :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-4624088595618717272010-07-16T17:56:04.090-05:002010-07-16T17:56:04.090-05:00@दीपक जी ...क्या बात है :) वो तो आज भी होता है शाय...@दीपक जी ...क्या बात है :) वो तो आज भी होता है शायद :-)राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-8806616329891588072010-07-13T07:37:51.116-05:002010-07-13T07:37:51.116-05:00जब पहली बार किसी लड़की ने प्यार से देखा था????जब पहली बार किसी लड़की ने प्यार से देखा था????दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-58736621654522200702010-07-13T05:05:07.893-05:002010-07-13T05:05:07.893-05:00यादें वो रेलिंग है जिसे पकड़ कर झुकती कमर वाली उम्र...यादें वो रेलिंग है जिसे पकड़ कर झुकती कमर वाली उम्र में भी आदमी तरक्की की सीढ़ियाँ चढ़ता चला जाता है, और अगर दिशा बदल ले तो?<br />तो यादें क्या करें - वो तो सहारा ही दे सकती हैं - रेलिंग की तरह। दिशा थोड़े ही तय कर सकती हैं।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-17581931942450995562010-07-12T21:27:46.778-05:002010-07-12T21:27:46.778-05:00@भवदीप, सही कहा अपने ग्वालियर के टेम्पो और मुरैन...@भवदीप, सही कहा अपने ग्वालियर के टेम्पो और मुरैना के रिक्शा वालो को कैसे भूल सकते हैंराम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-72167771027938331182010-07-12T10:07:27.323-05:002010-07-12T10:07:27.323-05:00वो टेम्पो की सवारी याद आती है... घर से स्कूल तक १५...वो टेम्पो की सवारी याद आती है... घर से स्कूल तक १५ पैसे लगते थे. पर दो मित्र मिल कर चवन्नी में चले जाते थे!भवदीप सिंहnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-27040630380287771822010-07-12T10:05:53.330-05:002010-07-12T10:05:53.330-05:00वो टेम्पो की सवारी याद आती है... घर से स्कूल तक १५...वो टेम्पो की सवारी याद आती है... घर से स्कूल तक १५ पैसे लगते थे. पर दो मित्र मिल कर चवन्नी में चले जाते थे!भवदीप सिंहnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-23852924263261379232010-07-11T11:50:21.622-05:002010-07-11T11:50:21.622-05:00bachpan ke din bhulaa na dena!!bachpan ke din bhulaa na dena!!खुला सांड !!https://www.blogger.com/profile/01946397235524397262noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-80080332982891091742010-07-11T11:49:08.221-05:002010-07-11T11:49:08.221-05:00bachpan ke din bhulaa na dena!!bachpan ke din bhulaa na dena!!खुला सांड !!https://www.blogger.com/profile/01946397235524397262noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-60451775413819134402010-07-11T11:49:08.222-05:002010-07-11T11:49:08.222-05:00कोई दे लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ,
बीते हुए दिन व...कोई दे लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ,<br />बीते हुए दिन वो मेरे प्यारे पलछीन |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-8859750094317665312010-07-11T11:28:46.278-05:002010-07-11T11:28:46.278-05:00जाने कहाँ गये वो दिन!जाने कहाँ गये वो दिन!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-88453984263952661872010-07-10T23:54:01.035-05:002010-07-10T23:54:01.035-05:00बहुत बढ़िया पोस्ट
यादें ...........बस यादें बाकी ...बहुत बढ़िया पोस्ट <br />यादें ...........बस यादें बाकी है उन दिनों की अब तो !!शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-60603239963031097162010-07-10T22:11:36.967-05:002010-07-10T22:11:36.967-05:00@विवेक, बिलकुल सही कहा, पहली बार प्लेन में और राजध...@विवेक, बिलकुल सही कहा, पहली बार प्लेन में और राजधानी में बैठकर तो जैसे पता नहीं क्या पा लिया था :) हम सब में कुछ बातें कितनी एक जैसी हैं ...<br /><br />@प्रवीण जी, बिलकुल सही कहा , काश एक टाइम मशीन वापस जाने के लिए होती ....<br /><br />@अजीत जी, बीते हुए पल वो भी बचपन और जवानी के ....बहुत कोमल और रोमांचक होते हैं <br /><br />@समीर जी , एक तो बता देते जनाब :) <br /><br />@शिखा जी , ये यादें जो रह जाती हैं, बड़ी मनभावक होती हैं :)<br /><br />@भाटिया जी , दिल कि बात आज जंबा पर आ ही गयी :)राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-42379334554824479622010-07-10T22:05:09.746-05:002010-07-10T22:05:09.746-05:00वो अपना खुद का संगणक घर पर होना।
संगणक में ब्रॉडब...वो अपना खुद का संगणक घर पर होना।<br /><br />संगणक में ब्रॉडबेन्ड होना।<br /><br />पहली बार मोबाईल पाना।<br /><br />पहली बार प्लेन में बैठना।<br /><br />पहली बार राजधानी में बैठना।<br /><br />पहली बार ३एसी में जाना।<br /><br />और भी बहुत कुछ.... :)विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-87714088721009415982010-07-10T21:56:51.239-05:002010-07-10T21:56:51.239-05:00बीते हुए पल हमेशा लुभाते हैं।बीते हुए पल हमेशा लुभाते हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-44429062401883623332010-07-10T21:51:37.715-05:002010-07-10T21:51:37.715-05:00ये पल लौट लौट कर आते हैं स्मृतियों में ।ये पल लौट लौट कर आते हैं स्मृतियों में ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-56668750322986038302010-07-10T16:02:30.610-05:002010-07-10T16:02:30.610-05:00जाने क्या क्या गिनाऊँ तुमको
एक हो तो शायद बताऊँ तु...जाने क्या क्या गिनाऊँ तुमको<br />एक हो तो शायद बताऊँ तुमको...<br /><br /><br />जो यहाँ कहे वो भी हमारे ही लग रहे हैं शक्ल से. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-13869739863781700722010-07-10T15:45:32.202-05:002010-07-10T15:45:32.202-05:00अजी वो दिन भी क्या दिन थे... जब लडकी हमे चाहती थी ...अजी वो दिन भी क्या दिन थे... जब लडकी हमे चाहती थी हम लडकी को चाहते थे, लेकिन बात करने मै जान निकलती थी, ओर इस प्यार का अंत भी पह्ले तू पहले तू मै ही हो जाता थाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6861547640369354038.post-18465866416826066362010-07-10T15:18:16.033-05:002010-07-10T15:18:16.033-05:00बस यादें रह जाती हैं.....बस यादें रह जाती हैं.....shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com