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गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

माँ से बढ़कर कोई नहीं ....

में एक ब्लॉग http://maatashri.blogspot.com/ पढ़ रहा था जो की हम सब की माँ को समर्पित है, और सहसा कई सस्मरण ताजा हो गए। माँ के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखी है जो इधर आप सब के साथ बांटना चाहता हूँ।

Thursday, April 15, 2010
जननी जन्मभूमिस्च स्वर्गादपि गरीयसी

माँ की याद में कुछ पंक्तियाँ

निश्छल निर्विकार न्यारी
हर पल मेरी हितकारी
सपनों में भी दुलारी
ममता में सनी बाबरी
ऐसी होती है माँ प्यारी !

तेरा स्पर्श जैसे सम्बल और सुकून
तेरा ममता का आँचल बन गया सामर्थ्य
तुझसे बढ़कर प्रेरणा और क्या होगी
तुझको देखा तो जाना ईश्वर का रूप

हर पल मुझे सोचती माँ
कोसों दूर से भी मेरे हर पल को जानती माँ
हर मंदिर में मेरे लिए दिए सजाती माँ
मेरी हर गलती को मांफ करती माँ
मुझे आंचल के साए में सुलाती माँ
मेरे हर पथ पर साथ निभाती माँ
मेरी छोटी बड़ी खुशियों में उन्मादी माँ
हर वक़्त, अपने लाडले पर सयाती माँ

में रोऊँ या चिल्लाऊं
या फिर गीत ख़ुशी के गाऊं
चाहे कहीं भी में चला जाऊं
और कुछ भी में कर डालूं
बस एक बात में जानूं
तू में हूँ और मैं तू हूँ

~राम त्यागी
अप्रैल १५ 2010

6 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

माँ- इस पर जितना भी लिख लें कम ही होगा!!


भावपूर्ण रचना!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण रचना.... दिल को छू गई....

Gaurav ने कहा…

Really True and Touching...

Shekhar Kumawat ने कहा…

ma he na !!!!!!!!


ananat he koi sima nahi he iski samjhe bhai

bahut sundar rachna

acha laga pad kar

shekhar kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

बेनामी ने कहा…

दिल छु लिया शब्दों ने. बहुत खूब लिखा.
ये तस्वीर तुम्हारी है क्या?

राम त्यागी ने कहा…

आप सभी का बहुत धन्यवाद ! ये सच है की बिलकुल दिल के भावों से निकली रचना है !!